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Hal-E-Dil

250.00

हाल-ए-दिल परविन्दर शौख़ का  ग़ज़ल-संग्रह है, जिसमें इंसानी जज़्बातों की गहराई और दिल की सच्चाइयों को बेहद नर्म और असरदार अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में कवि ने जीवन की हकीकत, टूटे हुए ख्वाब, मोहब्बत की कसक, नफ़रत के जख़्म और उम्मीद की छोटी-सी किरण को अपनी ग़ज़लों में बारीकी से पिरोया है।
हर ग़ज़ल दिल के उन अहसासों को आवाज़ देती है जो अक्सर इंसान के भीतर छुपे रहते हैं—कभी मोहब्बत के टूटने की पीड़ा, कभी रिश्तों की नाजुकता, तो कभी जीवन की सच्चाइयों का बोझ। कवि ने अपने शब्दों से यह एहसास दिलाया है कि ज़िंदगी की तल्ख़ियों और अधूरे ख्वाबों के बावजूद इंसान जीता है तो सिर्फ मोहब्बत और उम्मीद के सहारे।
कुल मिलाकर, हाल-ए-दिल दिल की गहराइयों से निकली हुई ग़ज़लों का ऐसा संग्रह है जो पाठक के एहसासों को झकझोर देता है और उन्हें अपने ही अनुभवों से जोड़ देता है।

Category:

Book informations

ISBN 13
978-93-89198-59-1
Year
2021
Number of pages
95
Edition
2021
Binding
Hardcover
Language
Hindi

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