Guftagu
₹200.00
गुफ़्तगू परविंदर शौख़ द्वारा लिखित एक संवेदनशील ग़ज़ल-संग्रह है, जिसमें जीवन, प्रेम और मानवीय रिश्तों की गहराई को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक की ग़ज़लें पाठक को कभी विचारों की गहराइयों में ले जाती हैं तो कभी भावनाओं की कोमलता से रूबरू कराती हैं। कवि ने अपने शब्दों के माध्यम से इंसानी रिश्तों की नज़ाकत, यादों की कसक, मोहब्बत की मिठास और बिछड़ने के दर्द को दिल से महसूस करवा दिया है। इन ग़ज़लों में प्रेम की तड़प भी है, आत्मीयता की गर्माहट भी है और जीवन के अनुभवों की सच्चाई भी झलकती है। हर शेर में एक ऐसा जादू है जो पाठक को अपने ही जीवन से जोड़ देता है और सोचने पर मजबूर करता है कि रिश्तों, मोहब्बत और संवेदनाओं की असली अहमियत क्या है।
यह संग्रह केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने और जीने के लिए है। इसमें भावनाओं का वह संसार है जो हर दिल को कहीं न कहीं अपना सा लगता है और यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है।
Reviews
There are no reviews yet.